पन्ना बुध ग्रह का रत्न है। इसे अनेक नामों से जाना जाता है। जैसे कि फारसी में जमरन. संस्कृत में मरकत मणि और अंग्रेजी में एमराल्ड कहा जाता है। यह हल्का से गहरा हरा रंग का होता है। यह अधिकतर दक्षिण महानदी, हिमालय, रिरनार और सोम नदी में पाया जाता है।
मुख्यत: ये 5 रंगों में पाया जाता है। तोते के पंख के रंग का, पानी के रंग सा, सरेस के फूल के रंग जैसा, मोर के पंख जैसा और हल्का संदुल फूल के जैसा। यह रत्न काकी मंहगा है। साथ ही यह बहुत ही नरम रत्न है।
किस तरह करें धारण
पन्ना को बुध ग्रह का रत्न है। इसलिए इसे बुधवार के दिन अश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती, नक्षत्र हो उस दिन सूर्योदय से 10 बजे तक इस रत्न पहन सकते हैं। इसे हमेशा सोने में शुभ घड़ी में बनाकर ही पहनें। पन्ना कम से कम तीन कैरेट का होना चाहिए और उससे अधिक हो तो और भी अच्छा होगा।
जानिए इसे धारण के फायदे
इसे धारण करने से कई समस्याओं से निजात मिल जाएगा। आप को कोई भी रूका काम हो। इसे पहनने से पूर्ण हो जाएगा। इस रत्न को पहनने अनिश्चितता निश्चितता में बदल जाती है। स्टूडेंट अगर इसे धारण कई समस्याओं में फायदा मिल जाता है। इतना ही नहीं इसे धारण करने से असंभव चीज संभव में बदल जाता है।
अगर कोई रोगी हो तो इसे पहनने से वह बलवर्धक, अरोग्यदायक और सुख देने वाला होता है। जिस घर में पन्ना होता है वहां अन्न-धन की वृद्धि, सुयोग्य संतान और भूत प्रेत की बाधा शांत होती है। सांप का भय भी नहीं रहता। नेत्र रोगों के लिए पन्ना बहुत लाभदायक है। इस रत्न को पांच मिनट सुबह सुबह एक गिलास पानी में घुमाएं और फिर आंखों पर वो पानी छिड़का जाए तो आंखों को लाभ मिलता है।
जानिए कब करना चाहिए इस धारण
- अगर इसे मिथुन लग्न वाले धारण करें तो पारिवारिक परेशानियों से राहत मिल सकती है। साथ ही माता की सेहत ठीक रहती है।
- कन्या लग्न वाले लोग भी इसे पहनकर व्यापार, पिता, नौकरी, शासकीय कार्यों में लाभ पा सकते हैं। अगर इस लग्न वाले बेरोजगार है तो इसे वह इस रत्न को धारण करें। इससे उन्हे जल्द फायदा मिल जाएगा।
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध नीच मीन राशि का हो तो वह भी पन्ना पहन सकते हैं।
- अगर किसी व्यक्ति के जन्म लग्न में बुध छठे, आठवें, 12वें भाव में हो तो वे पन्ना पहन सकते हैं।
- बुध अगर सप्तमेश होकर दूसरे भाव में हो नवमेश चतुर्थ भाव में हो, एकादशेश होकर छठे भाव में हो तो पन्ना अवश्य पहनना चाहिए।
- बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अष्टम भाव में हो तो पन्ना पहनना शुभ रहता है।
- अगर बुध धनेश होकर नवम भाव में हो, तृतीयेश होकर दशम भाव में हो, चतुर्थेश सुखेश होकर आय एकादश स्थान में हो तो पन्ना पहनना अत्यंत लाभकारी होता है।
- अगर बुध, मंगल, शनि और राहु या केतु के साथ स्थिति हो तो पन्ना जरुर पहनें।
- अगर बुध पर शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो तो पन्ना जरूर पहनना चाहिए।
- बुध अगर लग्नेश होकर चतुर्थ, पंचम या नवम भाव में शुभ ग्रहों के साथ हो तो पन्ना हितकर रहेगा।
- बुध की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो पन्ना अवश्य पहनें।
- अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुभ भाव 2, 3, 4, 5, 7, 9, 10 और 11वें भाव का स्वामी होकर छठे भाव में हो तो पन्ना पहनना अच्छा रहेगा।
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